ZOMATO के founder दीपेन्द्र गोयल ने एक छोटे से idea से अपनी पूरी जिंदगी को बदल दिया | आज हम दीपेन्द्र गोयल के परिश्रम और सफलता के बारे बात करेंगे |
दीपेन्द्र गोयल जब छठी कक्षा में थे तो वे फेल हो गए थे और अपने कॉलेज के पहले साल में भी वो फेल हो गए थे | अब वो चाहते तो depression में आ जाते और अपने जीवन से हार मान लेते | लेकिन उन्होंने ऐसा बिलकुल नहीं किया | सभी की जिंदगी में कभी न कभी ऐसी परिस्थिति जरूर पैदा हुई होगी | कभी न कभी कक्षा में फेल हुए होंगे या फिर किसी business में असफलता मिली होगी | अब ऐसी परिस्थिति में बहुत से लोग परिस्थितियों से लड़ने की बजाये उन से हार मान लेते हैं और उस काम को करना छोड़ देते हैं जिस काम में उनको असफलता मिली थी |

लेकिन ZOMATO के founder दीपेन्द्र गोयल ने ऐसा बिलकुल नहीं किया | बल्कि उन्होंने अपने जीवन का एक बहुत ही बड़ा फैसला लिया की “मैं अपने आप को बदल कर रहूँगा” | बस फिर क्या था उन्होंने उसके बाद बहुत ही कड़ी मेहनत की जिसकी वजह से उनका IIT में selection हो गया | उसके बाद तो उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गयी | IIT के बाद दीपेन्द्र ने एक private company में नौकरी करना शुरू कर दिया | अब रोज की तरह वो ऑफिस जाते थे | एक दिन ऐसा हुआ कि वो अपने ऑफिस में lunch time में अपने ऑफिस के कैंटीन में बैठ कर खाने में menu का इंतेज़ार कर रहे थे | वहाँ पर बहुत सारे लोगों के होने के कारण खाने का menu उन तक पहुँच ही नहीं रहा था | इस वजह से उनका और बहुत सारे लोगों का समय खराब हो रहा था | और दीपेन्द्र इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझ पा रहे थे | बस इसी घटना से उन्हें एक problem और उसका solution मिल गया |

दोस्तों जब भी आप किसी problem में हो और बहुत से लोग उसी problem का सामना कर रहे हो लेकिन उसका solution किसी के पास नहीं हो | तो इस परिस्थिति में अगर आपको उस problem का solution मिल गया तो समझ जाइये कि आपकी सफलता की शुरुआत हो गयी है | आप उसी चीज को अपना business बना सकते हैं और पूरी दुनिया में फैला सकते हैं |
अब दीपेन्द्र के पास एक problem थी कि जब भी लोग किसी होटल या resturant जातें हैं तो उन्हें menu card के लिए बहुत इंतेज़ार करना पड़ता है और उनका बहुत ज्यादा वक़्त बर्बाद हो जाता है | अब उन्होंने दिमाग लगाया कि अगर इसी menu card को online कर दिया जाये और हर व्यक्ति अपनी जगह पर बैठे – बैठे उस menu card को देख पाए जिसमे price, ratings यह भी देख पाए कि वहाँ किस प्रकार का खाना मिलता है तो कभी किसी कस्टमर को menu card का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा | क्यूंकि ये सब चीजें लोगो को सिर्फ एक फ़ोन पर देखने को मिल जायेगा |

हैरानी की बात तो यह कि दीपेन्द्र ने यह सब 2008 से पहले किया था जब internet का इतना इस्तेमाल भी नहीं होता था और कोई भी व्यक्ति इस idea के बारे में सोच भी नहीं सकता था | तब दीपेन्द्र ने इस idea के बारे में सोचा और उसी के आधार पर एक company बनाई | अब उनका ये online वाला idea धीरे धीरे बहुत ज्यादा प्रसिद्ध होने लगा | तब उन्होंने अपने एक दोस्त पंकज के साथ मिलकर ये फैसला किया “अब हमे एक बड़ी company खोलनी चाहिए” और तब जाकर उन्होंने 2008 foodiebay.com नाम की एक company खोली जिसमे बहुत सारे होटल के नाम, उनकी menu, price list और वो होटल कैसा खाना provide करते हैं | आज की तारिक में उसी company को लोग Zomato के नाम से जानते हैं | आपको ये जान कर हैरानी होगी की सिर्फ दो लोगों 2008 में इस company की शुरुआत की थी और आज की तारीक में ये company 200 से भी ज्यादा देशों में काम कर रही है | आज Zomato इस्तनी बड़ी हो गयी है कि आप घर बैठे अपने मन पसंद का खाना मंगा सकते हैं | अब आपक सोचकर देखिये कि लोगो की एक छोटी सी problem का solution आपके लिए एक बहुत बड़ा business खड़ा कर सकता है |